उमा के पड़ गया सोता हूँकरे दे रहो तोता लिरिक्स
कथा सुनाये पार्वती को शिव शंकर भगवान्
सुनते सुनते अमर कथा को बंद हो गए कान
उमा के पड़ गया सोता हुंकारे दे रहो तोता
पार्वती को शिव ने जब आगे कथा सुनाई
पेड़ पे सुन रहो तोता वो रहा आवाज लगायी
खबर पड़ी जब शंकर जी को भटका उसका ध्यान
जान को नाहक खोता हुंकारे दे रहो तोता
त्रिशूल लिया भोला ने तोते के पड़े पछाडी
शिव शंकर दौड़े पीछे और तोता उड़े अगाडी
जगह मिली नहीं कही छुपने को हो गया वो हैरान
जान को नाहक खोता हुंकारे दे रहो तोता
उड़ते उड़ते वो तोता एक घर में घुस गया जा के
एक नार वहां पर सो रही वो तो पास पहुंच गया वा के
मोहड़ा खुला देख नारी का बच गयी उसकी जान
पेट में ले रहा गोता हुंकारे दे रहो तोता
पेट बीच तोते ने वा के साल बिता दिए बारह
परेशान वो नारी वा के पेट मरोड़ा मारा
जान बक्श दे मेरी लाला करू तेरा गुणगान
ध्यान तुम देलो श्रोता हुंकारे दे रहो तोता
कथा सुनाये पार्वती को शिव शंकर भगवान्
सुनते सुनते अमर कथा को बंद हो गए कान
उमा के पड़ गया सोता हुंकारे दे रहो तोता
sultan33
Good way of describing, and pleasant piece of writing to get data on the topic of my presentation topic,
which i am going to convey in institution of higher education.