🐅विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja

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विपदतारिणी पूजा - Bipadtarini Puja
विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja

विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja

Bipadtarini Puja Date: Saturday, 6 July 2024

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विपदतारिणी पूजा देवी शक्ति को समर्पित एक शुभ उपासना है जो देवी काली की भी अभिव्यक्ति करता है। विपद तारिणी पूजा, रथ यात्रा के बाद और बहुदा रथ के यात्रा से पहले हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की मंगलबार और शनिबार के दिन मनाया जाता है। यह पूजा मुख्यतः बंगाल, ओडिशा, असम के खेत्र मैं मनाय जाता है। बंगाली समाज की महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर श्रद्धापूर्वक मा विपदतारिणी हर साल मनाया जाता है।

विपदतारिणी पूजा - Bipadtarini Puja
विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja

कैसे मनायी जाती है विपदतारिणी ब्रत
❀ ब्रत करने के एक दिन पहले, जो महिलाएं ब्रत करना चाहती हैं उन्हें केवल शाकाहारी भोजन का सेवन करने की आवश्यकता होती है। व्रत के दिन महिलाओं को व्रत जरूर रखना चाहिए।
❀ माता के व्रत के दिनों प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूरे घर की अच्छे से साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।

❀ इसके साथ ही माता विपद तारिणी जी की पूजा करें। नैवेद्य के रूप में देवी को 13 प्रकार के फल, फूल, मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। देवी की पूजा गुड़हल के फूल से की जाती है, जो सौभाग्य लाता है।
❀ व्रत करने वाली महिलाएं अपने बाएं हाथ में चौदह गांठों के साथ लाल रंग का पवित्र धागा पहनती हैं। यदि पुरुष व्रत करते हैं, तो उन्हें यह धागा दाहिने हाथ में पहनना चाहिए।

❀ इस दौरान मंदिरों में पुजारी द्वारा मा विपदतारिणी की व्रत कथा भी सुनाई जाती है।

प्रचलित मान्यता यह है कि जो लोग ब्रत का पालन करते हैं उन्हें देवी बिपत्तरिणी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वे परिवार को सभी प्रकार के संकटों से बचाने में सक्षम होंगे।

विपदतारिणी पूजा - Bipadtarini Puja
विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja
संबंधित अन्य नामBipadtarini Puja, Bipadtarini Vrat, Bipadtarini Vrat Katha, Bengali Festival
शुरुआत तिथिआषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की मंगलबार और शनिबार
कारणमां बिपदतारिणी
उत्सव विधिघर में प्रार्थना, शक्ति मंदिर में प्रार्थना, माँ बिपादतारिणी की कथा

Bipadtarini Puja is an auspicious worship dedicated to Devi Shakti who is also a manifestation of Goddess Kali. Bipadtarini Puja is celebrated on Tuesday-Saturday in the month of Asadh Sukla Paksha according to the Hindu calendar, after the Rath Yatra and often before the Bahuda Rath Yatra.

This puja is mainly celebrated in the region of Bengal, Odisha, Assam. Maa Bipadtarini is celebrated every year with special devotion by the women of Bengali society.

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