श्रुत पंचमी – Shrut Panchami
Shrut Panchami Date: Tuesday, 11 June 2024
श्रुत पंचमी महापर्व के दिन जैन संप्रदाय के प्रथम ग्रंथ को लिपिबद्ध किया गया था। इससे पूर्व सभी ज्ञान को अपने कंठ में रखने की परंपरा थी तथा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वचनों द्वारा ही स्थानातरित किया जाता रहा था। दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार प्रति वर्ष जेष्ठ शुक्ल पंचमी तिथि को श्रुत पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन जैन आचार्य धरसेन के शिष्य आचार्य पुष्पदंत एवं आचार्य भूतबलि ने षटखंडागम शास्त्र की रचना पूर्ण की थी। उसके बाद से ही श्रुत पंचमी को पर्व के रूप में मनाया जाने लगा।
श्रुत पंचमी को प्राकृत भाषा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। जैन समाज इस महापर्व को देश भर में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मानता है। श्रुत पंचमी के पवित्र दिवस पर मंदिरों एवं घरों में रखे हुए ग्रंथों की साफ-सफाई तथा जीर्णोद्धार किया जाता है। सभी शास्त्र, ग्रंथ एवं सभी धार्मिक पाठ्य समिग्री के भंडार की साफ-सफाई करके उनकी पूजा करने का विधान है।
जगह-जगह शास्त्रों की शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसके अंतर्गत जैन धर्मावलंबी चांदी की पालकी पर जैन धर्म के प्राचीन ग्रंथ रखकर बेंड-बाजों के साथ माँ जिनवाणी के साथ-साथ अन्य धार्मिक शास्त्रों पर फूलों की वर्षा करते शोभायात्रा निकालते हैं। अप्रकाशित प्राचीन ग्रंथों के प्रकाशन हेतु रूपरेखा एवं शास्त्र संरक्षण हेतु गोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
संबंधित अन्य नाम | प्राकृत भाषा दिवस |
शुरुआत तिथि | ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी |
कारण | जैन संप्रदाय के प्रथम ग्रंथ षटखंडागम का लिपिबद्ध होना। |
उत्सव विधि | साफ-सफाई, शास्त्र एवं ग्रंथों का पूजन, शोभायात्रा, निबंध प्रतियोगिता। |
Shrut Panchami in English
The first scripture of the Jain sampraday was written on the day of Shruta Panchami. According to Digambar Jain tradition, Shrut Panchami festival is celebrated every year on Jyeshtha Shukla Panchami date.
श्रुत पंचमी पर्व पर क्या करें?
ज्ञान के प्रकाश को फैलाने वाली इस श्रुत पंचमी के दिन क्या-क्या करें, तथा संतों के संदेश को कैसे प्रचारित करें? इसके कुछ दिशा निर्देश दिए गये हैं, जरा ध्यान से पढ़ें..
❀ घर एवं मंदिरों में रखे ग्रंथों को धूप में रखें।
❀ श्रुत पंचमी पर शास्त्रों के वेष्टन (वस्त्र) परिवर्तित करें।
❀ पर्व के दिन सरस्वती (जिनवाणी) पूजन का विशेष कार्यक्रम आयोजित करें।
❀ जिनवाणी एवं शास्त्रोंको रथ, पालकी या मस्तक पर विराजमान कर शोभायात्रा निकालकर धर्म की प्रभावना करें।
❀ शास्त्र, ग्रंथ, हस्तलिखित प्राचीन अप्रकाशित पांडुलिपियों का संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रकाशन करके शास्त्र भण्डार का संवर्द्धन करें।
❀ श्रुत पंचमी को भाषा प्राकृत दिवस के रूप में भी मनाएं। प्राकृत भाषा के विकास हेतु योजनाएं और क्रियान्वयन करें।
❀ जिनवाणी सजाओ प्रतियोगिता, निबंध आलेखन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करें, जिसमें प्रतियोगियों को पुरस्कृत करें।
❀ धर्म सभा का आयोजन करके बालक-बालिकाओं एवं श्रावक-श्राविकाओं को श्रुत पंचमी पर्व एवं श्रुत संरक्षण का महत्व बताएँ। युवाओं एवं सोशल मीडिया के बीच इसके महत्व को प्रसारित करें।
संबंधित जानकारियाँ
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी
महीना
मई / जून
प्रकार
जैन संप्रदाय पर्व
कारण
जैन संप्रदाय के प्रथम ग्रंथ षटखंडागम का लिपिबद्ध होना।
उत्सव विधि
साफ-सफाई, शास्त्र एवं ग्रंथों का पूजन, शोभायात्रा, निबंध प्रतियोगिता।
महत्वपूर्ण जगह
घर, जैन मंदिर।
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