Chandra Darshan Kaise Kare
चंद्र दर्शन कैसे करे
Chandra Darshan Date and details
चंद्रदर्शन अमावस्या के उपरांत चंद्र देव के पुनः आगमन एवं उनके दर्शन की परंपरा है। हिंदू धर्म में सूर्य दर्शन की ही तरह चंद्र दर्शन का भी अत्यधिक धार्मिक महत्व है।
इस दिन श्रद्धालु चंद्र देव की पूजा एवं विशेष प्रार्थना करते हैं। अमावस्या के तुरंत बाद चंद्रमा का दर्शन करना अत्यंत शुभ माना गया है।
चंद्रदर्शन उत्सव
अमावस्या के कारण चंद्र देव के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं अतः चंद्र देव के पुनः दर्शन के रूप में चंद्र दर्शन मनाया जाता है। चंद्रमा के दर्शन के लिए सबसे अनुकूल समय सूर्यास्त के ठीक बाद माना गया है।
चंद्र दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त समय की भविष्यवाणी करना पंचांग निर्माताओं के लिए भी एक कठिन कार्य है।
चंद्र दर्शन की गणना देश के अलग अलग स्थानो पर अलग-अलग हो सकती है। चंद्र दर्शन को देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
इस दिन भक्त भगवान चंद्र की पूजा करते हैं, तथा इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना सौभाग्यशाली माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे समृद्धि एवं खुशियां आती हैं।
संबंधित अन्य नाम | चंद्र दर्शन, चंद्र देव, चंद्र दर्शन 2024 |
शुरुआत तिथि | भाद्रपद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि |
कारण | चन्द्र देव |
उत्सव विधि | घर में प्रार्थना |
चंद्रदर्शन का समय कब है?
वैशाख चंद्र दर्शन 2024:
बृहस्पतिवार, 9 मई 2024, शाम 7:01pm से 8:34pm तक है।
चंद्रदर्शन के दौरान पूजा विधि
❀ चंद्रदर्शन के दिन, भक्त चंद्रमा देव की पूजा करते हैं। चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस दिन कठोर व्रत रखते हैं। वे पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। सूर्यास्त के तुरंत बाद चंद्रमा को देखने के बाद व्रत खोला जाता है।
❀ ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव की सभी अनुष्ठान पूजा करता है, उसे अनंत सौभाग्य और समृद्धि प्रदान की जाती है।चंद्र दर्शन
❀ चंद्रदर्शन पर दान देना भी एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस दिन लोग ब्राह्मणों को कपड़े, चावल और चीनी सहित अन्य चीजें दान करते हैं।
चंद्रदर्शन का महत्व
पौराणिक कथाओं में, चंद्र देव को सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक माना जाता है। वह ‘नवग्रह’ के एक महत्वपूर्ण ग्रह भी है, जो पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करते हैं। चंद्रमा को एक अनुकूल ग्रह एवं ज्ञान, पवित्रता और अच्छे इरादों से जुड़ा देव मन गया है।
ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के ग्रह में चंद्रमा अनुकूल स्थिति में है, वह अधिक सफल और समृद्ध जीवन जीएगा। इसके अलावा चंद्रमा हिंदू धर्म में और भी अधिक प्रभावशाली है क्योंकि चंद्र कैलेंडर की गणनायें चन्द्रमा की गति के आधार पर की जाती हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं में, चंद्र देव या चंद्रमा भगवान को पशु और पौधों के जीवन का पोषणकर्ता भी माना गया है। उनका विवाह 27 नक्षत्रों से हुआ है, जो राजा प्रजापति दक्ष की बेटियाँ हैं और बुद्ध या बुध ग्रह के पिता भी हैं। इसलिए भक्त सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु चंद्रदर्शन के दिन चंद्र देव की पूजा करते हैं।
संबंधित जानकारियाँ
आगे के त्यौहार(2024)
Vaishakha: 9 May 2024Jyeshtha: 7 June 2024Ashadha: 7 July 2024Shravana: 5 August 2024Bhadrapada: 4 September 2024Ashwina: 4 October 2024Kartika: 3 November 2024Margashirsha: 3 December 2024
आवृत्ति -वार्षिक
समय – 1 दिन
शुरुआत तिथि -भाद्रपद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि
महीना -सितंबर – अक्टूबर
कारण -चन्द्र देव
उत्सव विधि – घर में प्रार्थना
Chandra Darshan 2024 तिथियाँ
Festival | Date |
---|---|
Vaishakha | 9 May 2024 |
Jyeshtha | 7 June 2024 |
Ashadha | 7 July 2024 |
Shravana | 5 August 2024 |
Bhadrapada | 4 September 2024 |
Ashwina | 4 October 2024 |
Kartika | 3 November 2024 |
Margashirsha | 3 December 2024 |