Rishi Panchami 2024: ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती हैं?

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Rishi Panchami 2024: ऋषिपंचमी का त्यौहार हिन्दू पंचांग के भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है।यह त्यौहार गणेश चतुर्थी के अगले दिन होता है।

इस त्यौहार में सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है।

Rishi Panchami 2024: यह व्रत चारों वर्ण की महिलाओं को करना चाहिए। यह व्रत जाने -अनजाने में हुए पापों को नष्ट करने वाला है। इस दिन गंगा स्नान का भी महत्त्व है। यह व्रत पुरुष भी अपनी पत्नी के लिये रख सकते हैं।

Rishi Panchami 2024: प्रातःकाल नदी आदि में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन कर अपने घर में भूमि पर चौक बना कर सप्त ऋषियों की स्थापना करनी चाहिए। श्रद्धा पूर्वक सुगंध , पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य

आदि से सप्तर्षियों का पूजन करें। अकृष्ट भूमि (बिना जुती हुई भूमि ) से उत्पन्न फल आदि का शाकाहारी भोजन करना चाहिए।

लगतार सात वर्ष तक ऋषि पंचमी के दिन व्रत रख कर आठवें वर्ष में सात सोने की मूर्तियां (श्रद्धानुसार ) बनवाकर एवम उनका पूजन कर सात गोदान तथा सात युग्मक-ब्राह्मण को भोजन करा कर सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं का विसर्जन करना चाहिए।

Rishi Panchami 2024
Rishi Panchami 2024

Rishi Panchami 2024: ऋषि पंचमी का व्रत अन्य व्रत-उपवासों से कुछ अलग और अनोखा है। इस व्रत को करने की विधि से लेकर, इसके उद्देश्य और लाभ भी बिल्कुल अलग और बेहद महत्वपूर्ण है। जानिए ऋषि पंचमी व्रत की 5 रोचक बातें और लाभ –

  1. ऋषि पंचमी के व्रत की एक और सबसे खास बात यह है कि इस व्रत में किसी देवी-देवता की पूजा नहीं की जाती, बल्कि इस दिन विशेष रूप से सप्तर्षियों का पूजन किया जाता है।
  2. ऋषि पंचमी का व्रत खास तौर से अप्रत्यक्ष या अनजाने में महिलाओं द्वारा हुए पापकर्मों को नष्ट करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यही कारण है कि इसे हर उम्र और वर्ग की महिलाएं विशेष तौर पर करती हैं।
  3. खास तौर से महिलाओं की माहवारी के दौरान अनजाने में हुई धार्मिक गलतियों और उससे मिलने वाले दोषों से रक्षा करने के लिए यह व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
  4. ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं के साथ-साथ विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा किया जाता है, लेकिन यह अन्य व्रत-उपवास की तरह सिर्फ सुहाग या मनवांछित वर पाने के लिए नहीं किया जाता, बल्कि इसका विशेष प्रयोजन होता है।
  5. इस व्रत में अपामार्ग नामक पौधे का विशेष महत्व होता है, जिसके तने से दातुन और स्नान किए बिना ऋषि पंचमी का यह पवित्र व्रत पूर्ण नहीं होता । समस्त पापों का नाश करने वाला यह व्रत अत्यंत पुण्य फलदायी है।

Rishi Panchami 2024: हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पंचमी को ऋषि पंचमी मनाई जाती है। आमतौर पर ऋषि पंचमी हरतालिका तीज के दो दिन बाद और गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाई जाती है।

इस साल ऋषि पंचमी 8 सितम्बर को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इन दिन व्रत रखने से व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पा लेता है

Rishi Panchami 2024: हिंदू धर्म के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाता है. ऐसा कहते हैं कि इस व्रत को रखने से सारे पाप धुल जाते हैं और भाग्य खुल जाता है. इस व्रत को खास कर महिलाएं ही करती हैं

Rishi Panchami 2024: दृक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 7 सितंबर को शाम 05:37 मिनट पर होगा और 8 सितंबर, 2024 को सायं 07:58 मिनट पर समाप्त होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, 8 सितंबर को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाएगा।

Rishi Panchami 2024: जो महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत रखती हैं, वे दो समय फलाहार करके व्रत को पूर्ण करती हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत में हल से जुता हुआ अनाज नहीं खाते हैं

और इस दिन मोरधन का ही फलाहार किया जाता हैमोरधन एक प्रकार का चावल है जिसको समा का चावल भी कहा जाता है। समां के चावल को घास के बीज के रूप में भी जाना जाता है।

Rishi Panchami 2024: यह दिन हमारे पौराणिक ऋषि-मुनि वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र, अत्रि, जमदग्नि, गौतम और भारद्वाज इन सात ऋषियों के पूजन के लिए खास माना गया है। ऋषि पंचमी पर महिलाएं गंगा स्नान करें तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।

Rishi Panchami 2024: ऋषि पंचमी उद्यापन में आठवीं वर्ष अपनी श्रद्धा अनुसार सात सोने की मूर्तियां, सात गो दान एवं सात ब्राह्मण को भोजन कराने का प्रावधान है, ब्राह्मण को भोजन कराने के पश्चात सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं का विसर्जन करना चाहिए, उद्यापन की विधि संपन्न होने के पश्चात गाय को अनिवार्य रूप से भोजन कराना चाहिए

Rishi Panchami 2024: ऋषि पंचमी की पूजा के लिए स्त्रियां सुबह सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदी गंगा में स्नान करें. घर में पानी में गंगाजल डालकर भी नहा सकते हैं. पूजा स्थान पर गोबर से लेपन करें और चौकोर मंडल बनाकर उस पर सप्त ऋषि बनाएं. दूध, दही, घी, शहद और जल से सप्त ऋषि का अभिषेक करें.

ऋषि पंचमी पूजा सामग्री लिस्ट (Rishi Panchami Puja Samagri)-: श्रीफल यानी नारियल। पान। रोली। मौली। सात पूजा सुपारी। आम के पत्ते। मट्टी का कलश। चावल।

Rishi Panchami 2024: यदि भूलवश या अन्य कारणों से इस नियम का उल्लंघन किया गया है, तो इस नियम का उल्लंघन करने वाली महिलाओं में रजस्वला दोष उत्पन्न होता है। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत रखती हैं। ऋषि पंचमी को भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। माहेश्वरी समुदाय में इस दिन बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं।

Rishi Panchami 2024: माहेश्वरी समुदाय ऋषियों/संतों के आशीर्वाद से अस्तित्व में आया। यही कारण है कि वे ऋषि पंचमी पर रक्षा बंधन का त्यौहार मनाते हैं जो भादों महीने में शुक्ल पक्ष के 5 वें दिन पड़ता है।

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